हम सब खेल खिलौने तेरे हाथों में है डोर भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हम सब खेल खिलौने
तेरे हाथों में है डोर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर।।
तर्ज सावन का महीना।
चाहे बनाओ हमको
चाहे मिटाओ
चाहे हँसाओ हमको
चाहे रुलाओ
डोर को इस जीवन की
बस खीचो अपनी ओर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर।।
चाँद सितारे सूरज
तुमने बनाए
कण कण में कान्हा
तुम हो समाए
जिधर भी नज़रे फेरूं
तेरी माया चारो ओर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर।।
जितनी चाहे हमे
हाथों से नचाना
जग के इशारो पर ना
हमको नचाना
श्याम की अर्जी पर तुम
थोड़ा सा कर लो गौर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर।।
हम सब खेल खिलौने
तेरे हाथों में है डोर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर
चाहे जैसे हमको नचाओ
मेरे नंद किशोर।।
hum sab khel khilone tere hatho me hai dor lyrics