हो जो नजरे करम आपकी फिर नहीं डर है संसार की - MadhurBhajans मधुर भजन










हो जो नजरे करम आपकी
फिर नहीं डर है संसार की
एक नजर दास पर हो कभी
एक नजर दास पर हो कभी
फिर नहीं डर है संसार की
हो जो नजरें करम आपकी।।


कोई दाता है तुझसा नहीं
दिन मुझसा है कोई नहीं
अब तो तेरे सिवा इस जहाँ में
है किसी पर भरोसा नही
तेरे हाथों में है जिन्दगी
फिर नहीं डर है संसार की
हो जो नजरें करम आपकी।।


चाहे कितना भी करके जतन
कोई भी साथ जाता नहीं
मौत जब सामने होगी तेरे
कोई भी रोक पाता नहीं
गर हो सच्ची तेरी बंदगी
फिर नहीं डर है संसार की
हो जो नजरें करम आपकी।।


कल पे बातों ना छोड़ो फणि
कल पे कुछ जोर चलता नहीं
वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा
माँगने पे भी मिलता नहीं
है ये जीवन बड़ा कीमती
फिर नहीं डर है संसार की
हो जो नजरें करम आपकी।।









हो जो नजरे करम आपकी
फिर नहीं डर है संसार की
एक नजर दास पर हो कभी
एक नजर दास पर हो कभी
फिर नहीं डर है संसार की
हो जो नजरें करम आपकी।।
लेखक फणिभूषण जी चौधरी।
गायक प्रेषक रुपेश चौधरी।
7004825279










ho jo najre karam aapki fir nahi dar hai sansar ki lyrics