हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
दूर सब कोई नही है पास में
यूँ अकेले दम मेरा घुट जाएगा।।
तर्ज आँख है भरी भरी।


मैं आया था ज़माने में
तेरे सुमिरन का वादा था
जा बैठा स्वार्थ की महफ़िल
पाप अभिमान ज्यादा था
भूलकर के श्याम तेरी बंदगी
चैन मेरे दिल को कैसे आएगा
हो अगर रहमत जो तेरी सांवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा।।


बड़ी बेदर्द है दुनिया
भरोसा क्या करू इस पर
हमेशा साथ था जिसके
वहीँ से आ रहे पत्थर
रहम कर दो मेरे मन पे साँवरा
छोड़के कही और फिर ना जाएगा
हो अगर रहमत जो तेरी सांवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा।।









सुना है श्याम तू भटकों को
मंजिल से मिलाता है
पौंछकर दीन के आँसू
गले अपने लगाता है
मुझपे भी करदे कृपा की बारिशें
ये मुकेश तेरा ही गुण गायेगा
हो अगर रहमत जो तेरी सांवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा।।


हो अगर रहमत जो तेरी साँवरे
जख्म दिल का हर कोई भर जाएगा
दूर सब कोई नही है पास में
यूँ अकेले दम मेरा घुट जाएगा।।
लेखक एवं गायक मुकेश कुमार जी।










ho agar rehmat jo teri sanware lyrics