हे शारदे माँ ऐसा वर दे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हे शारदे माँ ऐसा वर दे
सुन्दर स्वर माँ कंठ में भर दे
दे दे स्वर का ज्ञान
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम।।
तर्ज हे दुःख भंजन।


स से सात सुरों का संगम
र रे राग का है एक बंधन
ग से गम को दूर माँ कर दे
दे ऐसा वरदान
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम।।


माँ मन मन्दिर पावन कर दे
पाएं धरा निर्मल तू वर दे
निश्चल मन से गाएं सभी जन
तेरा ही गुणगान
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम।।









आरती तेरी माँ जो जन गावे
सुख सम्पति धन वैभव पावे
तेरे दर से जाए ना खाली
निर्धन हो या धनवान
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम।।


हे शारदे माँ ऐसा वर दे
सुन्दर स्वर माँ कंठ में भर दे
दे दे स्वर का ज्ञान
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम
सदा गुण गाऊं सुबहो शाम।।














hey sharde maa aisa var de lyrics