हे करुणामयी सरकार तुम्हारा द्वार नहीं छूटे लिरिक्स - hey karunamayi sarkar lyric
हे करुणामयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे
सुनलो मेरी एक बार
सुनलो मेरी एक बार
भजन की तार नहीं टूटे
हे करुणा मयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे।।
तर्ज हम भूल गए रे हर बात।
मैं मूढ़ मति अज्ञानी हूँ
दुनिया में भटक ना जाऊं कहीं
नहीं दृढ संयम नहीं कोई नियम
माया में फस ना जाऊं कहीं
यही विनती बारम्बार
यही विनती बारम्बार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे
हे करुणा मयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे।।
कहने को बहुत है अपने यहाँ
स्वारथ का ही सब नाता है
लेकिन विपदा की घड़ियों में
नहीं काम कोई भी आता है
मैंने छोड़ दिया संसार
मैंने छोड़ दिया संसार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे
हे करुणा मयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे।।
हें प्राण संजीवनी श्री श्यामा
भक्ति का रंग लगा देना
ब्रज मंडल के किसी कोने में
हर जनम में हमें बसा लेना
बने चित्र विचित्र हर बार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे
हे करुणा मयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे।।
हे करुणामयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे
सुनलो मेरी एक बार
सुनलो मेरी एक बार
भजन की तार नहीं टूटे
हे करुणा मयी सरकार
तुम्हारा द्वार नहीं छूटे।।
hey karunamayi sarkar tumhara dwar nahi chute lyrics