हे गुरुवर अभिनन्दन है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हे गुरुवर अभिनन्दन है
पद पंकज में वंदन है
हे गुरुवर अभिनन्दन हैं।।


ज्ञान की मूरत कुंदन मन है
आप जगत में एक रतन है
शीश धरूँ गुरु चन्दन है
हे गुरुवर अभिनन्दन हैं।।


तन मन कर अर्पित गुरु पद में
ध्यान धरो श्री हरी के पद में
गुरु सेवा जीवन धन है
हे गुरुवर अभिनन्दन हैं।।


हे गुरुवर अभिनन्दन है
पद पंकज में वंदन है
हे गुरुवर अभिनन्दन हैं।।



















hey guruvar abhinandan hai lyrics