हे गुरुदेव तुमको नमन आ गया मैं तुम्हारी शरण - MadhurBhajans मधुर भजन
हे गुरुदेव तुमको नमन
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
तर्ज ऐ मालिक तेरे बन्दे हम।
बिन गुरु के मिले ज्ञान ना
अच्छेबुरे की पहचान ना
मन की दुविधा हरे
ज्ञान भक्ति भरे
हैं ये किस पर मेहरबान ना
कैसे छोड़ूँ मैं तेरे चरण
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
मेरी नैया भँवर आ रही
नाथ दौड़ो डूबी जा रही
इस संसार में
सिंधु मझधार में
अब बचाओ मुझे तो सही
फिर मिले ना मिले मानव तन
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
मोह माया से हमको बचा
ज्ञान सच्चा हमें तू सिखा
कर कृपा तू अभी
हम न भटकें कभी
रास्ता हमको सच्ची दिखा
मन में लग जाये तेरी लगन
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
आज घटघट में यश छा रहा
प्रेम से परशुराम गा रहा
दूर संकट करो
कष्ट जन के हरो
भेद भरमों को तू ही मिटा
श्रीमानसमण्डल करे सुमिरन
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
हे गुरुदेव तुमको नमन
आ गया मैं तुम्हारी शरण
दे हमें ज्ञान तू
हर ले अज्ञान तू
कर दूँ अर्पण तुम्हे अपना मन
हें गुरुदेव तुमको नमन।।
लेखक एवं प्रेषक परशुराम उपाध्याय।
श्रीमानसमण्डलवाराणसी।
मो9307386438
hey gurudev tumko naman lyrics