हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो जया किशोरी जी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










हे स्वर की देवी माँ
वाणी में मधुरता दो
मैं गीत सुनाती हूँ
संगीत की शिक्षा दो।।
तर्ज होंठो से छू लो तुम।
ये भी देखें हे वीणा धारणी मैया।



सरगम का ज्ञान नही
ना लय का ठिकाना है
तुम्हे आज सभा में माँ
हमे दरश दिखाना है
संगीत समंदर से
सुरताल हमें दे दो
हे स्वर की देवी माँ
वाणी में मधुरता दो।।


शक्ति ना भक्ति है
सेवा का ज्ञान नही
तुम्हे आज सुनाने को
कोई सुन्दर गान नही
गीतों के खजानो से
एक गीत मुझे दे दो
हे स्वर की देवी मा
वाणी में मधुरता दो।।









अज्ञान ग्रसित होकर
क्या गीत सुनाऊ में
टूटे हुए शब्दो से
क्या स्वर को सजाऊँ में
तू ज्ञान का स्त्रोत बहा
माँ मुझपे दया कर दो
हे स्वर की देवी मा
वाणी में मधुरता दो।।


हे स्वर की देवी मा
वाणी में मधुरता दो
मैं गीत सुनाती हूँ
संगीत की शिक्षा दो।।










he swar ki devi maa bhajan lyrics