हे माँ तेरी जय हो तेरे अटल छत्र की जय जय हो - MadhurBhajans मधुर भजन










हे माँ तेरी जय हो
तेरे अटल छत्र की जय जय हो
हे माँ तेरी जय हो॥॥


चढ़ सिंघ पे भवानी
अश्टादश भुज नागाणी
तेरे शीश मुकुट सोहे
माँसुंदर छवि मन मोहे
सोलह सिंगार सजके
भक्तो को दर्शन दे माँ
हे माँ तेरी जय हो॥॥


तन से हुआ हूँ निर्बल
मन मोह मे फँसा है
दुर्भाग हूँ निर्धन
कैसी ये दुर्दशा है माँ
अपनाए कौन मुझको
जब अपना कोई नही है
हे माँ तेरी जय हो॥॥


कर जोड़ करूँ मै विनती
चरणोंकी देवों भगती
कर दो दया की द्रष्टि
दुख दुर होवे मैय्या
मोती की अरज सुनके
नित घणी घणी खम्मा
हे माँ तेरी जय हो॥॥









हे माँ तेरी जय हो
तेरे अटल छत्र की जय जय हो
हे माँ तेरी जय हो॥॥










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