हसा के क्यों रुलाए रे रुलाए रे कन्हैया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हसा के क्यों रुलाए रे
रुलाए रे कन्हैया
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।।
तर्ज बना के क्यों बिगाड़ा रे।
रोके रुके ना आँख के आँसू
उमड़ उमड़ ये बरसे रे
तुझ बिन कौन सुनेगा मेरी
जाऊँ कहाँ तेरे दर से रे
रूठ गई क्यों मुझसे बहारे
बता देरे कन्हैया
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।।
फूल खिलाकर खुशियों के ये
ये क्या हुआ मुख मोड़ लिया
हाथ पकड़ कर चलने वाले
काहे अकेला छोड़ दिया
आशा जगा के चरण लगा के
सताए क्यों कन्हैया
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।।
चाँद बिना क्या चाँदनी लहरी
दिप बिना क्या बाती रे
ये धरती पालनहारे बिन
कैसे रहे मुस्काती रे
भूल भुलादे फिर से हसा दे
हसा दे रे कन्हैया
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।।
हसा के क्यों रुलाए रे
रुलाए रे कन्हैया
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे
ठाकुर मेरे ओ ठाकुर मेरे।।
स्वर तथा रचना
सुश्री उमा लहरी
hasa ke kyun rulaye re bhajan lyrics