हरियाणे का इतिहास गौरवशाली बताया लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हरियाणे का इतिहास
गौरवशाली बताया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।


वेदिक काल में ब्रह्मावर्त
इसको ही बतलाया
महाभारत में बहुधान्यक
गीता ज्ञान सिखाया
हरियाली के कारण भारत का
ग्रीनलैण्ड कहलाया
क्षेत्र फल के बारे में
बीसंवा राज्य बताया
चवालीस हज़ार दो सो बाराह
किलोमीटर दर्शाया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।


उत्तर में पंजाब हिमाचल
दक्षिण पश्चिम राजस्थान
पूर्व में दिल्ली लगता या
यमुना नदी है खासमखास
सिकंदर न आक्रमण
करके कर्या था अड़े घमासान
मुगला त लड़ भिड क
खूब उड़ाई धूल तमाम
हरियाणे में कुरुक्षेत्र यो
द्वापरका धाम बताया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।


बाजरे की रोटी नूणि घी
लासी की गिलासी पाई
एक थाली मै चार खावे
कठे बैठ क भाई
डेजर्ट मैं ये गुड़ खाले जो
करता है पचाई
दूध और दही न छोड़े कोन्या
उसमें परोटीन पाई
हरियाणे में घूम क देख्या
कती देसी खाना पाया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।









सारा दिन ये हल जोड़े
रात ने करें आराम
सुबहसवेरेशामरात ने
लेते ह ये राम का नाम
मेरे गुरू विकास जी का
झज्जर में पाहसोर गाम
सात्विक गाना गाया करते
दादा जी मेरे जगन्नाथ
गुरू की दया त नवदीप र
यो गाना लिख पाया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।


हरियाणे का इतिहास
गौरवशाली बताया
वेदों और पुराणों ने भी
इसका है गुण गाया।।
गायक प्रेषक नवदीप दराल।

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