हर मन के संकट हरता ये संकट मोचन दाता भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हर मन के संकट हरता
ये संकट मोचन दाता
अरे निज भक्तो के जीवन में
ये दया का रस बरसाता।।
तर्ज मेरा यार बना है दूल्हा।
मंगल के दिन मंगलमय है
इस मालिक की पूजा
ऐसा दिन दयालु जग में
और नहीं कोई दूजा
इसका चिंतन पल भर में
जनम जनम के मैल धुलाता
हर मन कें संकट हरता
ये संकट मोचन दाता
अरे निज भक्तो के जीवन में
ये दया का रस बरसाता।।
इसके चरणों में निश्चय से
जो भी टेके माथा
भुतो प्रेतों वाला भय है
उसको छू नहीं पाता
फेरे जो इसके नाम की माला
निर्भय है हो जाता
हर मन कें संकट हरता
ये संकट मोचन दाता
अरे निज भक्तो के जीवन में
ये दया का रस बरसाता।।
निष्ठा लगन से सच्चे मन से
जो भी इसे पुकारे
अंजनी लाला ये हनुमंता
उसके कष्ट निवारे
हर कोई इसके ही दर से
मन चाहा फल पाता
हर मन कें संकट हरता
ये संकट मोचन दाता
अरे निज भक्तो के जीवन में
ये दया का रस बरसाता।।
हर मन के संकट हरता
ये संकट मोचन दाता
अरे निज भक्तो के जीवन में
ये दया का रस बरसाता।।
har man ke sankat harta ye sankat mochan data lyrics