हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हर ग्यारस खाटू में
अमृत जो बरसता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
तर्ज शिव डमरू वाले को दिल से।
यहाँ भजनों की गंगा
अमृत सी बहती है
सबके दिल की बातें
बाबा से कहती है
इन बूंदों को पीकर
हर भक्त थिरकता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
भजनों की ये बुँदे
जब कान में पड़ जाए
हर प्रेमी बाबा का
मेरे श्याम से जुड़ जाए
फिर होश रहे ना उसे
हँसता है सिसकता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
ये भजनों की गंगा
हमें श्याम से मिलवाए
यहाँ डुबकी लगाने को
मेरा श्याम चला आए
अमृत ये भजनों का
जब जब भी छलकता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
इस अमृत में प्यारे
तुम जहर नहीं घोलो
कहता रोमी तोलो
तुम तोल के फिर बोलो
इसे पावन रहने दो
विश्वास भटकता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
हर ग्यारस खाटू में
अमृत जो बरसता है
उस अमृत को पीने
हर भक्त पहुँचता है
हर ग्यारस खाटु में
अमृत जो बरसता है।।
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har gyaras khatu me amrit jo barasta hai lyrics