हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा मेरे इन होठों पे हैं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा
मेरे इन होठों पे हैं
नाम प्रियाकांत प्यारा
मेरे इन होठों पे हैं।।
तर्ज सांवली सूरत पे मोहन।
बांकी छवि बांकी अदा
बांकी हंसी बांका चलन
रूबरू बांका नज़ारा
मेरे इन होठों पे हैं
नाम प्रियाकांत प्यारा
मेरे इन होठों पे हैं।।
एक सूरत आपकी
और दीवाना सारा जहां
हाल जो होगा हमारा
मेरे इन होठों पे हैं
नाम प्रियकांत प्यारा
मेरे इन होठों पे हैं।।
मेरी आँखों में कटीली
अपनी आँखे डालकर
जो किया तुमने इशारा
मेरे इन होठों पे हैं
नाम प्रियकांत प्यारा
मेरे इन होठों पे हैं।।
हर घड़ी सुमिरन तुम्हारा
मेरे इन होठों पे हैं
नाम प्रियाकांत प्यारा
मेरे इन होठों पे हैं।।
स्वर श्री देवकीनंदन जी ठाकुर।
har ghadi sumiran tumhara lyrics