हर देश में तू हर भेष में तू प्रार्थना लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
हर देश में तू हर भेष में तू
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
तेरी रंगभूमि यह विश्व भरा
सब खेल में मेल में तू ही तो है।।
सागर से उठा बादल बनके
बादल से फटा जल हो करके
फिर नहर बना नदियाँ गहरी
तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है।।
चींटी से भी अणुपरमाणु बना
सब जीवजगत् का रूप लिया
कहीं पर्वतवृक्ष विशाल बना
सौंदर्य तेरा तू एक ही है।।
यह दिव्य दिखाया है जिसने
वह है गुरुदेव की पूर्ण दया
तुकड़या कहे कोई न और दिखा
बस मैं अरु तू सब एकही है।।
हर देश में तू हर भेष में तू
तेरे नाम अनेक तू एक ही है
तेरी रंगभूमि यह विश्व भरा
सब खेल में मेल में तू ही तो है।।
गायक एवं प्रेषक
पं तरुण तिवारी जी।
9098791344
har desh me tu har vesh me tu lyrics