हमेशा प्रेम वाले सांचे में ढाल के रक्खे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हमेशा प्रेम वाले
सांचे में ढाल के रक्खे
हर दर्द से तुमको
निकाल के रखे
सम्भाला उसी ने
गुज़रे सालों में
मुरलीवाला आगे भी
सम्भाल के रखे
हमेशा प्रेम वालें
सांचे में ढाल के रक्खे।।


आये ना कोई ग़म
ज़िन्दगी में तेरी
कभी ना सताये तुझे
ग़म की अन्धेरी
खुश रहे तू सदा
खुशहाल में रखे
हर दर्द से तुमको
निकाल के रखे
सम्भाला उसी ने
गुज़रे सालों में
मुरली वाला आगे भी
सम्भाल के रखे
हमेशा प्रेम वालें
सांचे में ढाल के रक्खे।।


रब से दुआ जो मेरी
दुआ वो क़ुबूल हो
मेरे हर अपने की
राहों में फूल हो
है वहीजो हर होनी को
टाल के रखे
हर दर्द से तुमको
निकाल के रखे
सम्भाला उसी ने
गुज़रे सालों में
मुरली वाला आगे भी
सम्भाल के रखे
हमेशा प्रेम वालें
सांचे में ढाल के रक्खे।।


हमेशा प्रेम वाले
सांचे में ढाल के रक्खे
हर दर्द से तुमको
निकाल के रखे
सम्भाला उसी ने
गुज़रे सालों में
मुरलीवाला आगे भी
सम्भाल के रखे
हमेशा प्रेम वालें
सांचे में ढाल के रक्खे।।







गायक प्रेषक श्यामसाजन।










hamesha prem wale sanche me dhaal ke rakhe lyrics