है सिर पे मुकुट कंठ वैजन्ती माला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










है सिर पे मुकुट
कंठ वैजन्ती माला
कहाँ जा छुपा है
मेरा मुरली वाला।।


तू आंखों में मेरी
सदा बस रहा है
तू धड़कन है दिल में
सदा बज रहा है
है आंखों का मेरी
तू ही एक उजाला
कहाँ जा छुपा है
मेरा मुरली वाला।।


मैं सोया करूँ तो
दिखे तो है तू है
मैं जागा करूँ तो
लगे तो ही तू है
है सपनो में मेरे
तू ही आने वाला
कहाँ जा छुपा है
मेरा मुरली वाला।।


रे तुझको बुलाते है
पर क्यो न आता
अरे प्यास नैनो की
क्यो न बुझाता
ये राजेन्द्र सुनता था
तू है दयाला
कहाँ जा छुपा है
मेरा मुरली वाला।।









है सिर पे मुकुट
कंठ वैजन्ती माला
कहाँ जा छुपा है
मेरा मुरली वाला।।
गीतकार गायक राजेन्द्र प्रसाद सोनी।










hai sar pe mukut kanth vaijanti mala lyrics