है भाव के भूखे भगवन ये वेद बताते है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










है भाव के भूखे भगवन
ये वेद बताते है
ये वेद बताते है
जब भक्त पुकारे प्रेम से
प्रभु दौड़े आते है
प्रभु दौड़े आते है।।


कोई भावना से ज्योत को
जला को देख ले
है बोलती ये मूरति
बुला के देख ले
ये कौन सी भाषा में बोले
ज्ञान भी तो हो
सुनने को बात इनकी
तेरे कान भी तो हो
संत मुनि सब मिलकर
हमको राह दिखाते है
हमको राह दिखाते है
जब भक्त पुकारे प्रेम से
प्रभु दौड़े आते है
प्रभु दौड़े आते है।।


भीलनी के बैरो की खातिर
है घूम रहे श्री राम
विप्र सुदामा के तंदुल
फिर खोज रहे घनश्याम
भक्तो से मिलने का रहता
प्रभु को भी भारी चाव
कोई प्रेम से बुलाए तो
प्रभु आते नंगे पाँव
प्रभु अपने भोले भक्तो पर तो
प्रेम लुटाते है
प्रेम लुटाते है
जब भक्त पुकारे प्रेम से
प्रभु दौड़े आते है
प्रभु दौड़े आते है।।


है भावना तेरी प्रबल तो
क्यों घबराता है
प्रेम तुझको श्याम के
नजदीक लाता है
नरसी सी हो श्रद्धा
अगर नानी सी भक्ति हो
कर्मा के धीरज के जैसी
गर तुझमे शक्ति हो
कहता रोमी विदुरानी का
ये साथ निभाते है
ये साथ निभाते है


जब भक्त पुकारे प्रेम से
प्रभु दौड़े आते है
प्रभु दौड़े आते है।।









है भाव के भूखे भगवन
ये वेद बताते है
ये वेद बताते है
जब भक्त पुकारे प्रेम से
प्रभु दौड़े आते है
प्रभु दौड़े आते है।।
स्वर रचना रोमी जी।
ये भी देखें ना जाने कौन से गुण पर।










hai bhav ke bhukhe bhagwan lyrics