है बरसे आसमां इतना तो फिर सुखी जमीं क्यों है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है
तेरी रेहमत बहुत बाबा
लगे तेरी कमी क्यों है
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है।।
तर्ज मुझे तेरी मोहब्बत का।
समंदर पास है मेरे
लगे फिर प्यास क्यों इतनी
मुझे तो आस तुमसे है
क्यों दुरी दास से इतनी
तेरी जो प्रीत है दाता
लगे गहरी घनी क्यों है
तेरी रेहमत बहुत बाबा
लगे तेरी कमी क्यों है
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है।।
बिना रूह के क्या काया का
कभी कोई काम होता है
बिना राधा के राधेश्याम
बिना राधा के राधेश्याम
क्या पूरा नाम होता है
तेरे बिन सांस ये बाबा
लगे जैसे थमी क्यों है
तेरी रेहमत बहुत बाबा
लगे तेरी कमी क्यों है
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है।।
ख़ुशी से जी रहा हूँ मैं
चमन भी खिल मेरा
तेरी खुशबु से ओ बाबा
तेरी खुशबु से ओ बाबा
महक उठा ये घर मेरा
तेरे बिन पुर फिजा लगती
मुझे दुःख में रमी क्यों है
तेरी रेहमत बहुत बाबा
लगे तेरी कमी क्यों है
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है।।
तू ही दुनिया का मालिक है
बनाता है मिटाता है
तेरे निर्मल पे ओ बाबा
तेरे निर्मल पे ओ बाबा
तरस तुझको ना आता है
दरश बिन आँख है सुनी
की आँखों में नमी क्यों है
तेरी रेहमत बहुत बाबा
लगे तेरी कमी क्यों है
है बरसे आसमां इतना
तो फिर सुखी जमीं क्यों है।।
hai barse aasma itna to fir sukhi jamin kyun hai lyrics