हारे के सहारे मुझे तुम बिन ना आराम लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










हारे के सहारे
मुझे तुम बिन ना आराम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।
तर्ज सावन का महीना।


चौखट को तेरी मैंने
संसार माना
प्रीत लगाई तुमसे
बाबुल है माना
पलकें मेरी भीगी
तुमको पुकारें श्याम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।


दुनिया वाले बाबा
हांसी उड़ावे
खरी खोटी बोले मेरो
कालजो दुखावे
लाज बचाने आजा
तू लीले चढ़कर श्याम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।









हिवड़े री बातां बाबा
थासूं ना छिपी है
साथी हमारा तुम बिन
कोई भी नहीं है
क्या चीर कलेजा तुमको
दिखाना होगा श्याम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।


गलती की मांगू माफ़ी
क्षमा श्याम करना
मोहित है चरणों में
दया थोड़ी करना
तेरे हवाले नैया
अब मर्ज़ी तेरी श्याम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।


हारे के सहारे
मुझे तुम बिन ना आराम
नाराज़ी क्या है ऐसी
जो भूल गए मुझे श्याम।।














haare ke sahare mujhe tum bin na aaram lyrics