ग्यारस की रात फिर आयी रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ग्यारस की रात फिर आयी रे
कीर्तन की रात फिर आई रे
श्याम मिलन हो रहा
मेरे मन की कली मुस्काई रे
ग्यारस की रात फिर आई रे
श्याम मिलन हो रहा है
मेरे मन की कली मुस्काई रे।।
तर्ज कैसी मुरलिया बजाई रे।


मिलती नजर तो दिल है उछलता
झुकती ना पलके मनवा ना भरता
बाबा की जयकार गूंजे गगन में
दर्शन तेरा सारे दुखड़े है हरता
श्याम मिलन हो रहा है
मेरे मन की कली मुस्काई रे
ग्यारस की रात फिर आई रे।।


जाने क्या जादू करता सांवरिया
देखन वाला होता बावरिया
जी करता है वापस ना जाए
जाए तो बाबा को ले आए
श्याम मिलन हो रहा है
मेरे मन की कली मुस्काई रे
ग्यारस की रात फिर आई रे।।









आते जो खाटू में प्रेमी दीवाने
ले जाते वो मनचाहे खजाने
बाबा भी भक्तों का आशिक पुराना
चौखानी आया है इनको रिझाने
श्याम मिलन हो रहा है
मेरे मन की कली मुस्काई रे
ग्यारस की रात फिर आई रे।।


ग्यारस की रात फिर आयी रे
कीर्तन की रात फिर आई रे
श्याम मिलन हो रहा
मेरे मन की कली मुस्काई रे
ग्यारस की रात फिर आई रे
श्याम मिलन हो रहा है
मेरे मन की कली मुस्काई रे।।














gyaras ki raat phir aayi re bhajan lyrics