ग्यारस की ग्यारस हर बार जाता हूँ मैं श्याम के द्वार लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










ग्यारस की ग्यारस हर बार
जाता हूँ मैं श्याम के द्वार
पर मुझको घर बैठे भी
ऐसा लगता है कई बार
खाटू गए बगैर
खाटू गए बगैर
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया
ग्यारस कीं ग्यारस हर बार
जाता हूँ मैं श्याम के द्वार।।
तर्ज उनसे मिली नज़र के मेरे होश।


मिल जाता है मुझे अगर
अँधा लंगड़ा रस्ते पर
उसे सहारा देकर मैं
पंहुचाता जब उसके घर
लगता है इक निशान
लगता है इक निशान
लगता है इक निशान
मेरा आज चढ़ गया
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया।।


बालक भूखा दिख जाए
मुझसे रहा नही जाए
उसको रोटी देकर ही
चैन मेरे दिल को आए
लगता है श्याम को
लगता है श्याम को
लगता है श्याम को
की मेरा भोग लग गया
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया।।









चिथड़ो में दिखी एक बहन
छिपा रही हाथों से तन
चिर उढ़ाया उसको तो
आँखे हो गई उसकी नम
ऐसा लगा मुझे
ऐसा लगा मुझे
ऐसा लगा मुझे
की मेरा श्याम सज गया
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया।।


श्याम की सेवा को जानो
सार्थक तभी है ये मानो
दीनानाथ के दिनों की
मदद करो तुम दीवानों
सोनू लगेगा ये
सोनू लगेगा ये
सोनू लगेगा ये
की तुम्हे श्याम मिल गया
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया।।


ग्यारस की ग्यारस हर बार
जाता हूँ मैं श्याम के द्वार
पर मुझको घर बैठे भी
ऐसा लगता है कई बार
खाटू गए बगैर
खाटू गए बगैर
खाटू गए बगैर
मुझे श्याम मिल गया
ग्यारस कीं ग्यारस हर बार
जाता हूँ मैं श्याम के द्वार।।













gyaras ki gyaras har bar jata hun main shyam ke dwar lyrics