ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार शारदा माँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार
भक्तों के भर देती है भँडार
महिमा निराली है
तेरी शारद मैया
सबसे निराली है
मेरी शारद मैया।।
तर्ज आने से उसके आए बहार।
हँस की सवारी
मेरी माता जी लगती है प्यारी
भक्तों पे अपने मैया
होती खास निगाहें तुम्हारी
शान तेरी ओ मात मेरी
जग मे निराली है
मेरी शारद मैया
सबसे निराली है
मेरी शारद मैया।।
तेरी दया माँ हो तो
गूँगा भी माँ सुर मे है बोले
छेड़े वो तान निराली
हो के मस्त मगन जग मे डोले
फिर वो कहे सबसे यही
महिमा तुम्हारी है
मेरी शारद मैया
सबसे निराली है
मेरी शारद मैया।।
जो दर पे तेरे आए
माँ मन की मुरादें वो पाए
महिमा है माँ तेरे दर की
कोई दर से नहीं खाली जाए
करदे दया माँ शिव पर भी
शरण तुम्हारी है
मेरी शारद मैया
सबसे निराली है
मेरी शारद मैया।।
ज्ञानी को देती माँ ज्ञान अपार
भक्तों के भर देती है भँडार
महिमा निराली है
तेरी शारद मैया
सबसे निराली है
मेरी शारद मैया।।
लेखक एवं प्रेषक
श्री शिवनारायण जी वर्मा।
संपर्क 79874 02880
gyani ko deti maa gyan apar lyrics