गुरुजी मेरा बंधन छोड़ाया रे भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गुरुजी मेरा बंधन छोड़ाया रे
दोहा सन्त बड़े परमार्थी
शीतल वांरा अंग
तप्त बुझावे और कि
दे दे अपनो रंग।


गुरुजी मेरा बंधन छोड़ाया रे
शब्द सुणाया निज नाव का
उर में लिव लाया रे
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।


कर चेतन गुरु शब्द जिलाया
त्रिगुण ढहाया ए
रंग लग्या गुरु ज्ञान को जब
मन को पढ़ाया ए
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।









रोगी का रोग मिटाय के
गुरु अमृत पाया ए
आनंद भया दिल मायने
सुखसागर नहाया ए
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।


सागर नहाया तप्त बुझाया
दुत्ये भ्रम मिटाया ए
सुन्न में धुन लगी उन्मुन ए
केवल दरसाया ए
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।


पूरब जागे दुविधा रे भागे
सोहंग मिलाया ए
सतगुरू परस्या अखण्ड अनामी
शांयती घर आया ए
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।


गुरु सुखराम मिल्या अविनाशी
नभ ज्यूँ थाया ए
इसरराम सकल घट पूर्ण
गुरुमुख गाया ए
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।


गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे
शब्द सुणाया निज नाव का
उर में लिव लाया रे
गुरुजी मेरा बन्धन छोड़ाया रे।।
गायक सन्त श्री पदमाराम जी व फूसाराम कुचोर आथूणी।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052










guruji mera bandhan chodaya re lyrics