गुरु नाम का मैं नशा चाहती हूँ गुरु भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गुरु नाम का मैं
नशा चाहती हूँ
विनय कर रही हूँ
दया चाहती हूँ
गुरु नाम का मै।।
तर्ज तेरे प्यार का आसरा।
प्रभू नाम का जाम
मुझे भी पिला दो
जो देखा न कभी भी वो
जलवा दिखावों
लगी है तलब जो
उसे तुम बुझा दो
शरण में तुम्हारी
जगह चाहती हूँ
विनय कर रही हूँ
दया चाहती हूँ
गुरु नाम का मै।।
मिट जाए हस्ति
छा जाए मस्ती
बन्दों को अपने
जो तुमने बख़्शी
रहमत पे तेरी
टिकी मेरी कश्ती
वही तो निगाहें
करम चाहती हूँ
विनय कर रही हूँ
दया चाहती हूँ
गुरु नाम का मै।।
चरणों का शिव को
दीवाना बनावो
अपनी शमां का
परवाना बनालो
मै अपने आप को
भूलना चाहती हूँ
विनय कर रही हूँ
दया चाहती हूँ
गुरु नाम का मै।।
गुरु नाम का मैं
नशा चाहती हूँ
विनय कर रही हूँ
दया चाहती हूँ
गुरु नाम का मै।।
स्वर साध्वी ममता दीदी।
लेखक प्रेषक शिवनारायण वर्मा।
8818932923
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guru naam ka aasra chahti hun bhajan lyrics