गुरु में संसार समाया जैन भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गुरु में संसार समाया
उनका है आशीष पाया
प्रभु ने खुद से भी ऊँचा
गुरु का है स्थान बताया
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है।।
तर्ज ये बंधन तो प्यार का।
गुरु रत्नाकर सूरी जी है
हम सबके तारणहारे
सबकी जीवन नैया को
देते है वो किनारे
57 साल उन्होंने
है ज्ञान का अमृत बांटा
अब उनके जन्मदिवस पर
हम सबका है ये वादा
जो सीखा है उसे अपनाएंगे
खुशियों को पाएंगे
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है।।
रानीवाड़ा के हर घर में
खुशियों का समां है छाया
संगे मुकेश ने भभूतमल जी का
सपना सच है बनाया
गुरु है शीतल चंदा से
सागर से गहरे ज्ञानी
प्रभु को हमने ना देखा
बस इनकी कही है मानी
ये बोकड़िया परिवार धन्य हुआ
गुरुवर से नाता जुड़ा
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है।।
गुरु में संसार समाया
उनका है आशीष पाया
प्रभु ने खुद से भी ऊँचा
गुरु का है स्थान बताया
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है
ये गुरुवर तो ज्ञान के सागर है
इनसे ही जन्नत है।।
919867121681
guru me sansar samaya lyrics