गुरु दाता माने अवगुण बहुत किया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गुरु दाता माने अवगुण बहुत किया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
नौ दस मास गर्भ में झूले
नौ दस मास गर्भ में झूले
जननी ने दुखड़ा दिया
जननी ने दुखड़ा दिया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
पाप कपट की बांधी गटरिया
पाप कपट की बांधी गटरिया
सिर पर बोझ दरिया
सिर पर बोझ दरिया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
ज्यों ज्यों पाऊं दरिया धरती पे
ज्योंज्यों पाव धरिया धरती पे
पग पग पाप किया
पग पग पाप किया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
जो जो देखी नारी पराई
जो जो देखी नार पराई
मनसा पाप किया
मनसा पाप किया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
श्री हरिदास की यही चे गुजरिया
श्री हरिदास की यही चे गुजरिया
भव से तार दिया
भव से पार किया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
गुरु दाता माने अवगुण बहुत किया
सतगुरु सा माने अवगुण बहुत किया
अवगुण बहुत किया सतगुरु सा माने
अवगुण बहुत किया।।
गायक जोग भारती जी।
प्रेषक शेरा लाखेरी जिला बूंदी
8890068460
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