गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान भजन विना मुक्ति नही - MadhurBhajans मधुर भजन










गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान
दोहा सुर बिन मिले नहीं सुरस्ती
और गुरु बिन मिले नहीं ज्ञान
अन बिन हंसा उड़ चले
तो जल बिन तज दे प्राण।
रंग मेल में हाल सुखमण सेजे वसी
गुरु बिन मिलियो ना ज्ञान
भजन विना मुक्ति नही रे।।


हुसकत हालियो ने जाय
हाडोरी हाली हालजो मति
अरे डग मग डोले थारो जीव
हरी भक्ति जेलों मती रे।।









नही रे देवलिया मे देव
जालर कुटो कर्जो मति
धूप ज्योरो ऑगन जले रे
वासना पनभकी।।


नही रे नेनो माय नूर
आर्शी री गरज केसी
हिवड़े हुआ प्रकाश
भोंण भल उगो मति रेे।।


नही भजो मे जोर
सुरों शंग चड़जो मति
सूरा लड़े रन खेत
कायर रो काम नथी रे।।


नही है सरवर नीर
पाल बोधो कर्जो मति
तप बिना मिलायो नही राज
बोलिया गोरख जाती।।


रंग मेल में हाल सुखमण सेजे वसी
गुरु बिन मिलयो ना ज्ञान
भजन विना मुक्ति नही रे।।
गायक एवं प्रेषक
हाजाराम जी देवासी।
संपर्क 8150000451










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