गुरु बिन कौन करे भव पारा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गुरु बिन कौन करे भव पारा
श्लोक गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः
गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरु साक्षात् परब्रह्म
तस्मै श्रीगुरुवे नमः।।


गुरु बिन कौन करे भव पारा
कौन करे भव पारा
कौन करे भव पारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।


जबसे गुरु चरणन में आयो
जबसे गुरु चरणन में आयो
दूर हुआ अँधियारा
दूर हुआ अँधियारा
दूर हुआ अँधियारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।


गुरु पंथ निराला पगले
गुरु पंथ निराला पगले
चलत चलत जग हारा
चलत चलत जग हारा
चलत चलत जग हारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।









चौरासी के बंधन काटे
चौरासी के बंधन काटे
बहा प्रेम की धारा
बहा प्रेम की धारा
बहा प्रेम की धारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।


जड़ चेतन को ज्ञान सिखावे
जड़ चेतन को ज्ञान सिखावे
जिसमे है जग सारा
जिसमे है जग सारा
जिसमे है जग सारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।


गुरु बिन कौन करें भव पारा
कौन करे भव पारा
कौन करे भव पारा
गुरु बिन कौन करे भव पारा।।










guru bin kaun kare bhavpara lyrics in hindi