गुरू बिना ज्ञान कहाँ से लायो भोला चेला भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










गुरू करना बाला भोला
नुगरा नी रेवना
गुरू रे प्रताप चेला
अमीरस पिवना
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहाँ से
लायो भोला चेला।।


फाटी टूटी गुदडी
ना सुई ना धागा
सीवत सीवत मोहे
नव मास लागा
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।


कोरी मोरी माटली
नव दरवाजा
पांच प्रधान
छठो हैं हंस राजा
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।


आभे जितरो रोटलो
कौआ उड़ ले जावेला
पूछे अपनो चेलों
कहा बैठ खावेला
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।









उतर देश आंबली
पश्चिम देश डाला
कहे म्हारा गुरू जी
वहा बैठ खावेला
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।


कौए के गले पैंप माला
हंस नही होवेला
दूध से धोया कोयला
उजला नी हाेवेला
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।


बारह मास से बांझ
बिहाई पुत्र लाई पांगला
केवे मच्छेंद्र नाथ
काया सोज ले गोरखा
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहा से
लायो भोला चेला।।


गुरू करना बाला भोला
नुगरा नी रेवना
गुरू रे प्रताप चेला
अमीरस पिवना
जीए नर गेला
गुरू बिना ज्ञान कहाँ से
लायो भोला चेला।।


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guru bin gyan kaha se layo bhola chela lyrics