गौसाई जागो जुग माई आसन्न अधर बिराजे सायल लीरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गौसाई जागो जुग माई
आसन्न अधर बिराजे
मेहर करो थे मोटा ठाकर
तो सेवकों ने स्याम निवाज़े।।
आदू धाम कड़ेल थरपना
दरगां धणी बिराजे
झुंझालो जीवों रो ठाकुर
उठे प्रजा नीवे जुग पूजे।।
ध्वलीगढ़ गिरवरो गढ़ ऊपर
उठे पाट कलश पुरीजे
पूजा चढ़े पिछम रा राजा
उठे नूर कला बरतीजे।।
नूर थापना मंडी बिराजे
उठे डूंगर डम्बर छाजे
इंद्र बरिया सरवर भरिया
उठे गहरो सावण गाजे।।
चाम बढ़ाई उठे तीजी आई
उठे सन्त आय दर्शन दीजे
छोड़ पिराणी उठ पाये लागा
वचन गुरां रे भेहीजे।।
गिरभाकर रेणायत पाया
उठे वचन सन्तों रे भेहीजे
धौला बैल धणी रे लेखे
उठे धुरला ध्यान धरीजे।।
आतो खेती खूब हैं थोरे
राम भजन रट लीजे
हरि भजन से होवे निस्तारा
तो भूत पलीत भागीजे।।
नर नारी वचनों रा साँचा
सुकरत करणी कीजे
एक पलक हतारक भाया उठे
मन्छया रा माणक निपजीजे।।
खरा अतीत खरा कर लीजे
पाँव न पाछा दीजे
पणधारी पण राख हमार
उठे अड़कर परीक्षा लीजे।।
सोवनी सकत उठे हुई सगाई
उठे घोड़ा झीण मंडीजे
सुर तेंतीसों उठे होया सारथी
उठे हल हल कार हालीजे।।
जागो धणी जुगोजुग जागो
अर नव खण्ड नोबत बाजे
भागो देंत धणी रे पावर से
उठे धरा अम्बर सब धूजै।।
धणी रा हाथ होया सिर ऊपर
जणा अगम निगम सब सूजे
तीन लोक में ताली लागी
उठे पारख विरला बूजे।।
अनंत सिद्दा रे शरणे आया
और सिर पर हाथ धरीजे
हरि शरणे भाटी हरजी बोले
भाने री लाज राखीजे।।
गौसाई जागो जुग माई
आसन्न अधर बिराजे
मेहर करो थे मोटा ठाकर
तो सेवकों ने स्याम निवाज़े।।
गायक ओमसा पल्ली।
प्रेषक रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052
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