गोपाल मेरी नैया क्यो डगमगा रही है भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गोपाल मेरी नैया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।
तर्ज तुझे भूलना तो चाहा।


तूफ़ाँ से लड़ते लड़ते
कहीँ डूब ही न जाये
विश्वास श्याम मेरा
अब टूट ही ना जाये
विकराल काली लहरे
विकराल काली लहरे
मझको डरा रही है
गोपाल मेरी नईया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।


मतलब के इस जहाँ में
कोई नही हमारा
किसको भला पुकारे
किसका मिलें सहारा
बेबस मेरी निगाहें
तुमको बुला रही है
गोपाल मेरी नईया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।









दुनिया का साँवरे क्यो
अंदाज है निराला
प्रेमी को पीना पड़ता
हरदम ज़हर का प्याला
हारे हुए को मोहन
दुनिया सता रही है
गोपाल मेरी नईया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।


दारोमदार तुम पर
छोड़ो या अब सम्भालो
कहता शिवम ओ साँवरे
चरणों से अब लगा लो
धड़कन तेरे तरुण की
तेरा नाम गा रही है
गोपाल मेरी नईया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।


गोपाल मेरी नैया
क्यो डगमगा रही है
आजा रे अब तो आजा
आजा रे अब तो आजा
तेरी याद आ रही है।।
लेखक एवं प्रेषक
तरुण वर्मा
9873538608










gopal meri naiya kyo dagmaga rahi hai lyrics