घायल हो गया रे शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










घायल हो गया रे
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।
दोहा माटी कितना दुख सहा
गई कुमार के पास
ठोकी पीटी लातो से
जल सरकंडे घास।
जल सरकंडे घास
पकी जब बाहर आई
लेवत है नर नार
उसे फिर ठोक बजाई।
इतने दुख को सहन कर
फिर चढ़ी रुद्र के शीश
परमानंद भक्ति कठिन है
जब पावे जगदीश।
गुरु मिलिया गंभीर
भरम सब भागिया
गल में गुदड घाल
मुल्क सब त्यागीया।
लिया ठीकरा हाथ
भोग सब बिसरिया
अरे हा बाजींद सुन सतगुरु की सीख
जोग ले निसरिया।


घायल हो गया रे
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।









गुरु गोरखनाथ की शब्द चोट
जब लागी भारी रे
भूप भरतरी राजपाट के
तब ठोकर मारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


माता मैणावत शब्द चोट
ऐसी झण कारी रे
छोड़ विरासत जब गोपीचंद
भयों भिखारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


बांदी की सुण बात बादशाह
खूब विचारी रे
मुल्क बुखारा छोड़ गयो
धन माया सारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


लागी नार वचन कि जब तुलसी के
चोट करारी रे
एक पलक में प्रीत जगत की
हो गई खारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


लगी गुरु दादू की चोट
फकीरी ऐसी धारी रे
रज्जब मोड धर्यो गुरु चरणा
रवो ब्रह्मचारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


लगी गुरु चेतन भारती की चोट
किया मेरा जन्म सुधारी रे
कहे पूरण भारती मिले कोई घायल
तो जाऊं बलिहारी रे
घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।


घायल हो गया रें
शब्दा की लागी ज्ञान कटारी रे।।
गायक पूरण भारती जी महाराज।

8824030646










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