गौरी तनय गणपति को दो फूल चढ़ाते हैं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गौरी तनय गणपति को
दो फूल चढ़ाते हैं
सब काम सिद्ध कर दो
ये अर्ज सुनाते हैं
गौरी तनय गनपति को
दो फूल चढ़ाते हैं।।
तर्ज शिवनाथ तेरी महिमा।
जहाँ जय गणेश गूंजे
सब विघ्न दूर होते
कृपा के सिंधू हैं वो
शुभ फल जरुर देते
क्या ले उन्हें मनाऊँ
क्या ले उन्हें मनाऊँ
बस शीश झुकाते हैं
सब काम सिद्ध कर दो
ये अर्ज सुनाते हैं
गौरी तनय गनपति को
दो फूल चढ़ाते हैं।।
पृथ्वी को घुम आओ
भाई से बाजी लागे
माता पिता को घुमे
बुद्धि में भये आगे
बुद्धि के विधाता को
बुद्धि के विधाता को
मैं याद दिलाता हूँ
सब काम सिद्ध कर दो
ये अर्ज सुनाते हैं
गौरी तनय गनपति को
दो फूल चढ़ाते हैं।।
हे चार भुजा धारी
लगते हैं तन के भारी
चुहे पे कैसे चढ़कर
करते हैं वो सवारी
ऐसे है वो विज्ञानी
ऐसे है वो विज्ञानी
सदग्रंथ बताते हैं
सब काम सिद्ध कर दो
ये अर्ज सुनाते हैं
गौरी तनय गनपति को
दो फूल चढ़ाते हैं।।
गौरी तनय गणपति को
दो फूल चढ़ाते हैं
सब काम सिद्ध कर दो
ये अर्ज सुनाते हैं
गौरी तनय गनपति को
दो फूल चढ़ाते हैं।।
7004825279
gauri tanay ganpati ko do phool chadhate hai lyrics