गौरी के पुत्र गणेश जी मेरे घर में पधारो लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गौरी के पुत्र गणेश जी
मेरे घर में पधारो।
दोहा सदा भवानी दाहिनी
सन्मुख रहे गणेश
पाँच देव रक्षा करें
ब्रह्मा विष्णु महेश।


गौरी के पुत्र गणेश जी
मेरे घर में पधारो
घर में पधारो
कीर्तन में पधारो
काटो सकल कलेश जी
मेरे घर में पधारो।।


एकदन्त दयावन्त चारभुजा धारी
माथे सिंदूर सोहे मूस की सवारी
हे सर्व सिद्धि सर्वेश जी
मेरे घर में पधारो
गोरी के पुत्र गणेश जी
मेरे घर में पधारो।।









मोदक प्रिय मुद मंगल दाता
विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
हे गणपति पुत्र उमेश जी
मेरे घर में पधारो
गोरी के पुत्र गणेश जी
मेरे घर में पधारो।।


शंकर सुवन भवानी के नंदन
चरण कमल पे शत शत वंदन
मेरे हृदय करो प्रवेश जी
मेरे घर में पधारो
गोरी के पुत्र गणेश जी
मेरे घर में पधारो।।


गौरी के पुत्र गणेंश जी
मेरे घर में पधारो
घर में पधारो
कीर्तन में पधारो
काटो सकल कलेश जी
मेरे घर में पधारो।।
गायक व्यास जी मौर्या।










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