अंग अंग में गौ माता के सब देवों का धाम है लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
अंग अंग में गौ माता के
सब देवों का धाम है
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
तर्ज भला किसी का कर ना सको।
नेत्रों में हैं सूर्य चंद्र
मस्तक में रहते हैं ब्रम्हा
सींगों में विष्णु महेश हैं
गऊ मूत्र में जगदम्बा
मुख में चारों वेद विराजें
भजते आठों याम हैं
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
रोमकूप में ऋषिगण रहते
यक्ष महाबली बायें हैं
गरुण दाँत में सर्प नाक में
वरुण कुबेर जी दायें हैं
कानों में अश्वनीकुमार
महिमा की सुनें बखान हैं
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
थनों में सागर मूत्र स्थान में
रहतीं गंगा महरानी
गुदा में सारे तीर्थ बसें और
गोबर में लक्ष्मी रानी
वर्णन करना बहुत कठिन है
अभी करोङों नाम हैं
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
पृष्ठभाग यमराज विराजें
रम्भाने में प्रजापति
उदर में हैं कार्तिकेय और
जिह्वा में हैं सरस्वती
तैतीस कोटि देवों को मन से
सुमिरे परशुराम है
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
अंग अंग में गौ माता के
सब देवों का धाम है
गौ माता के श्री चरणों में
बारम्बार प्रणाम है।।
लेखक एवं प्रेषक परशुराम उपाध्याय।
श्रीमानसमण्डल वाराणसी।
9307386438
gau mata ke shri charno me barambar pranam hai lyrics