गणनायक बनके बुद्धिविनायक बनके भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गणनायक बनके बुद्धिविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
तर्ज कभी राम बनके।
हे रिद्धि सिद्धि के स्वामी
प्रभु आप हो अंतर्यामी
सूंड धारी बनके विघ्नहारी बनके
मूसे पे सवार होके चले आना
गणनायक बनके बुद्धिंविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
हे वक्रतुण्ड अवतारी
एकदन्त की लीला भारी
गजाधर बनके मोरेश्वर बनके
प्रभु दुष्टों से हमको बचाना
गणनायक बनके बुद्धिंविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
हे लम्बोदर हितकारी
प्रभु रखना लाज हमारी
तन विशाल धरके महाकाल बनके
प्रभु असुरों को मार मिटाना
गणनायक बनके बुद्धिंविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
तेरी जय हो गणेश जगवंदन
करने श्रद्धा के फूल तुम्हे अर्पण
महाज्ञानी बनके वरदानी बनके
शुभ लाभ हमें भी कराना
गणनायक बनके बुद्धिंविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
सुनो गणपति विनती हमारी
लिखे बैरागी रचना तुम्हारी
लड्डू मेवा धरके लाई थाली भरके
प्रभु मेरा भी भोग लगाना
गणनायक बनके बुद्धिंविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
गणनायक बनके बुद्धिविनायक बनके
प्रभु भक्तों के संकट मिटाना।।
2
gannayak banke buddhivinayak banke lyrics