गणेश आया रिद्धि सिद्धि लाया भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










गणेश आया रिद्धि सिद्धि लाया
भरया भण्डारा रहसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


हल्दी का रंग पीला होसी
केशर कद बण जासी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


कोई खरीदे काँसी पीतल
सन्त शब्द लिख लेसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


खार समद बीच अमृत भेरी
सन्त घड़ो भर लेसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।









खीर खाण्ड का अमृत भोजन
सन्त निवाला लेसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


कागा के गले पैप माला
हँसलो कद बण ज्यासी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


ऊँचे टीले धजा फरुके
चौड़े तकिया रहसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


साध सन्त रल भेला बैठ
नुगरा न्यारा रहसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


शरण मछन्दरजती गोरख बोल्या
टेक भेष की रहसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।


गणेश आया रिद्धि सिद्धि लाया
भरया भण्डारा रहसी ओ राम
मिल्या सन्त उपदेशी
गुरु मायले री बाता कहसी ओ राम
म्हाने झीणी झीणी बाता कहसी।।
स्वर विकासनाथ जी महाराज।
प्रेषक सुभाष साररस्वा।
9024909170










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