गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं
भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं।।
तर्ज अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरम।
कौन कहते है गणराज आते नही
भाव भक्ति से उनको बुलाते नही।।
कौन कहते है गणराज खाते नही
भोग मोदक का तुम खिलाते नही।।
कौन कहते है गणराज सोते नही
माता गौरा के जैसे सुलाते नही।।
कौन कहते है गणराज नाचते नही
रिद्धि सिद्धि के जैसे नचाते नही।।
गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं
भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं।।
9575532545
gajmukham dvibhujam deva lambodaram lyrics