गजानंद तुम्हारी शरण चाहिए भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
सवाली हूँ सवाली को ना धन चाहिए
ना धन चाहिए
गजानंद तुम्हारी शरण चाहिए
शरण चाहिए।।
तर्ज दीवाने है दीवानों को ना।
कोई रिद्धि सिद्धि के दाता कहे
हाँ दाता कहे
कोई ज्ञान बुद्धि विधाता कहे
विधाता कहे
तुम्हारे गुण गाऊँ ऐसा मन चाहिये
ना धन चाहिए
गजानन्द तुम्हारी शरण चाहिए।।
माँ गौरा की आंखों के तारे हो तुम
तारे हो तुम
पिता भोले शिव के दुलारे हो तुम
दुलारे हो तुम
गणों के गणराजा के भजन चाहिए
ना धन चाहिए
गजानन्द तुम्हारी शरण चाहिए।।
करूँ मैं तुम्हारी प्रथम वन्दना
प्रथम वन्दना
यह सच है ना जानू तेरी साधना
तेरी साधना
पदम् को तेरी भक्ति की
लगन चाहिए
ना धन चाहिए
गजानन्द तुम्हारी शरण चाहिए।।
सवाली हूँ सवाली को ना धन चाहिए
ना धन चाहिए
गजानंद तुम्हारी शरण चाहिए
शरण चाहिए।।
गायक यशवंत शर्मा।
लेखक प्रेषक डालचन्द कुशवाह पदम्।
भोपाल 9827624524
gajanand tumhari sharan chahiye lyrics