गैया के प्राण पुकार रहे गोविन्द बिन कौन सहाय करे लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गैया के प्राण पुकार रहे
गोविन्द बिन कौन सहाय करे।।
तर्ज जिस भजन में राम का।
बेटे को काँटा चुभता है
माता का कलेजा हिलता है
ऐसी भोली भाली मैया
कलियुग में आज पुकार करे
गईया के प्राण पुकार रहे
गोविन्द बिन कौन सहाय करे।।
जब तक माँ दूध पिलाती है
वो सबके मन को भाति है
जब वृद्ध गौ माँ हो जाती है
गर्दन पर तेज कटार चले
गईया के प्राण पुकार रहे
गोविन्द बिन कौन सहाय करे।।
आये हो तो कुछ कर जाना
गौ माता हित आगे आना
धरती पर पापी प्रकट हुए
प्रथ्वी भी हाहाकार करे
गईया के प्राण पुकार रहे
गोविन्द बिन कौन सहाय करे।।
गैया के प्राण पुकार रहे
गोविन्द बिन कौन सहाय करे।।
स्वर देवी चित्रलेखा जी।
gaiya ke pran pukar rahe lyrics