गहरी नर्मदा न गेहरो पानी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
गहरी नर्मदा न गेहरो पानी
ओ गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी
देखी न जीव घबराये हो
मैय्या पार लगाऊजो।।
काम क्रोध काच मच बसत है
ए लोभ को मगर देखाय हो
मैय्या पार लगाऊजो
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी
देखी न जीव घबराये हो
मैय्या पार लगाऊजो।।
सत की नाव केवटीया सतगुरु
सुमिरण नाम आधार हो
मैय्या पार लगाऊजो
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी
देखी न जीव घबराये हो
मैय्या पार लगाऊजो।।
धर्मी धर्मी पार उतरिया
पापी डूबियाँ मजधार हो
मैय्या पार लगाऊजो
गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी
देखी न जीव घबराये हो
मैय्या पार लगाऊजो।।
गहरी नर्मदा न गेहरो पानी
ओ गहरी नर्मदा ने गेहरो पानी
देखी न जीव घबराये हो
मैय्या पार लगाऊजो।।
गायक अश्विन यदुवंशी जी।
gahari narmada ne gahro pani lyrics