फुर्सत मिले तो कान्हा निर्धन के घर भी आना भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
फुर्सत मिले तो कान्हा
निर्धन के घर भी आना।।
तर्ज तेरे नाम का दीवाना।
सुमिरण करूँ मैं हरपल तेरा
दुःख ताप हर लीजियेगा मेरा
बैरी बना जमाना
बैरी बना जमाना
तू भी ना भूल जाना
फुरसत मिले तो कान्हा
निर्धन के घर भी आना।।
कर देना पूरी ये आरजू
मैं हूँ तेरा और मेरा है तू
इस रीत को निभाना
इस रीत को निभाना
मुझको गले लगाना
फुरसत मिले तो कान्हा
निर्धन के घर भी आना।।
जो भी दिया रुखा सूखा मुझे
अर्पण करूँ श्याम वो ही तुझे
आकर के भोग पाना
आकर के भोग पाना
मुझे बावरा बनाना
फुरसत मिले तो कान्हा
निर्धन के घर भी आना।।
फुर्सत मिले तो कान्हा
निर्धन के घर भी आना।।
fursat mile to kanha nirdhan ke ghar bhi aana lyrics