फागुन के मेले में मिल गया श्याम मुझे कल श्याम अकेले में - MadhurBhajans मधुर भजन
फागुन के मेले में
मिल गया श्याम मुझे
कल श्याम अकेले में।।
तर्ज ये मेरी अर्जी है।
चढ़ी इश्क़ खुमारी है
सामने सांवरिया
मेरे हाथ पिचकारी है।।
मुझे छू गई मोरछड़ी
थपकी प्यारे की
मेरे गाल पे ऐसी पड़ी।।
रंग लाई दुआ देखो
इत्र से महकी है
हर ओर हवा देखो।।
फागुन के मेले में
मिल गया श्याम मुझे
कल श्याम अकेले में।।
fagun ke mele me mil gaya shyam mujhe lyrics