एक तिनके के जैसा बिखर जाएगा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










एक तिनके के जैसा
बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस
ज़िंदगी के लिए
शाम होते ही सूरज
भी ढल जाएगा
ऐसा नियम बना है
सभीं के लिए
एक तिनके के जैंसा
बिखर जाएगा।।


आदमी तुम भी हो
आदमी मैं भी हूँ
यूँ तो हर आदमी
आदमी हैं मगर
आदमी आदमी पर वो
किस काम का
आदमी जो ना हो
आदमी के लिए
एक तिनके के जैंसा
बिखर जाएगा।।


इतने दिन में तू
इस मन को धो न सका
अपने परमात्मा का
तू हो न सका
भक्ति का ले लो साबुन
गुरु से अभी
मन में फैली हुई
गन्दगी के लिए
एक तिनके के जैंसा
बिखर जाएगा।।


क्या वो लोग थे
कैसे वो लोग थे
ज़िंदगी बख्श दी
ज़िन्दगी के लिए
एक तुम भी तो हो
एक मैं भी तो हूँ
बंदगी बख्श दी
ज़िन्दगी के लिए
एक तिनके के जैंसा
बिखर जाएगा।।









एक तिनके के जैसा
बिखर जाएगा
पाप करते हो जिस
ज़िंदगी के लिए
शाम होते ही सूरज
भी ढल जाएगा
ऐसा नियम बना है
सभीं के लिए
एक तिनके के जैंसा
बिखर जाएगा।।


917004825279










ek tinke ke jaisa bikhar jayega lyrics