एक हार गुलाब का लायी हूँ बाबोसा तेरे दरबार में लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










एक हार गुलाब का लायी हूँ
बाबोसा तेरे दरबार में
तेरे दर्शन को मैं आई हूँ
संग ले सारा परिवार में।।
तर्ज बड़ी दूर से चलकर आया हूं।


ना धन दौलत न माया है
न कोई मोटर कार है
मैं पैदल पैदल आयी हूँ
बाबोसा तेरे प्यार में
एक हार गुलाब का लाई हूँ
बाबोसा तेरे दरबार में।।


ना कुबेर का धन चाहूं मैं
ना इच्छा है मुझे शोहरत की
हो तेरी एक नजर बस काफी है
इस स्वार्थ के संसार में
एक हार गुलाब का लाई हूँ
बाबोसा तेरे दरबार में।।









प्राची की तमन्ना है दिलबर
अब लौट के मैं ना जाऊँगी
चरणों में तेरे गुजरे जीवन
बस करती रहूं दीदार मैं
एक हार गुलाब का लाई हूँ
बाबोसा तेरे दरबार में।।


एक हार गुलाब का लायी हूँ
बाबोसा तेरे दरबार में
तेरे दर्शन को मैं आई हूँ
संग ले सारा परिवार में।।
गायिका प्राची जैन।
रचनाकार दिलीप सिंह सिसोदिया दिलबर।
नागदा जक्शन मप्र 9907023365










ek haar gulab ka layi hu babosa tere darbar me lyrics