एक डाल दो पंछी बैठा कौन गुरु कौन चेला भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










एक डाल दो पंछी बैठा
कौन गुरु कौन चेला
गुरु की करनी गुरु भरेगा
चेला की करनी चेला रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला।।


माटी चुन चुन महल बनाया
लोग कहे घर मेरा
ना घर तेरा ना घर मेरा
ना घर तेरा ना घर मेरा
चिड़िया रैन बसेरा रे साधुभाई
उड़ जा हंस अकेला।।


मात कहे ये पुत्र हमारा
बहन कहे ये वीरा
भाई कहे ये भुजा हमारी
भाई कहे ये भुजा हमारी
नारी कहे नर मेरा रे साधुभाई
उड़ जा हंस अकेला।।


पेट पकड़ के माता रोई
बांह पकड़ के भाई
लपट झपट के तिरिया रोये
लपट झपट के तिरिया रोये
हंस अकेला जाई रे साधुभाई
उड़ जा हंस अकेला।।









कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी
जोड़ भरेला थैला
कहत कबीर सुनो भाई साधो
कहत कबीर सुनो भाई साधो
संग चले ना ढेला रे साधुभाई
उड़ जा हंस अकेला।।


एक डाल दो पंछी बैठा
कौन गुरु कौन चेला
गुरु की करनी गुरु भरेगा
चेला की करनी चेला रे साधु भाई
उड़ जा हंस अकेला।।













ek daal do panchhi re baitha lyrics in hindi