दुश्मन मत बणरे दुनिया में भई म्हारा के दिन को जीणो - MadhurBhajans मधुर भजन










दुश्मन मत बणरे
दोहा धन दौलत का मद मानवी
दिखे बड़ा ही कठोर
दस दोष से भरा हुआ है
बन्दुक में भरा ज्युं होर।


दुश्मन मत बणरे
दुनिया में भई म्हारा
के दिन को जीणो
के दिन को जीणो
भई म्हारा के दिन को जीणो।।


छोटी मोटी बाता ऊपर
मतकर मनवा राड़
मोती पो पो माला बणेली
एक समय को काल।।









ओछी वाणी मत बोलो भई
फिर से पड़ेलो काम
अबकी बणे जब पगां पड़ेलो
मिट जावे अभियान।।


भई रे बंधु सगा संबंधी
सबकाऊ लिदो बेर
गरज पड़िया गधा ने केवे
पुर्व जन्म को लेर।।


कोड़ियां बणजा जेब मायने
चढ़ जावे आकाश
म्हारी बरोबर नहीं दुनिया में
बणजा दानव दास।।


सिधो साधो बणके चालणो
अण बोलियो ने रेणो
राम नाम को लेय आलको
दुजा ने बतलाणो।।


प्रेम भाव से जीले जग में
प्रेम भाव सब गाय
रतन ले ले किशन बातां
भजनां सुं समझाय।।


दुश्मन मत बण रे
दुनिया में भई म्हारा
के दिन को जीणो
के दिन को जीणो
भई म्हारा के दिन को जीणो।।
गायक पंडित रतनलाल प्रजापति।
सहयोगी श्रीप्रजापति मण्डल चौगांवडी़।










dushman mat ban re duniya me bhai mhara