दुनिया से मैं हारा हूँ तकदीर का मारा हूँ भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
दुनिया से मैं हारा हूँ
तकदीर का मारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।।
तर्ज एक प्यार का नगमा है।
पापों की गठरी ले
फिरता मारा मारा
नहीं मिलती है मंजिल
नहीं मिलता किनारा
नहीं कोई ठिकाना है
मैं तो बेसहारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।
दुनिया से मै हारा हूँ
तकदीर का मारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।।
दुनिया से जो माँगा
मिलती रुसवाई है
तेरे दर पे सुनते है
होती सुनवाई है
दुःख दूर करो मेरे
मैं भी दुखियारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।
दुनिया से मै हारा हूँ
तकदीर का मारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।।
कोशिश करते करते
नहीं नांव चला पाया
आखिर मै थक करके
तेरे द्वार पे मै आया
इस श्याम को तारोगे
तुझे दिल से पुकारा है
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।
दुनिया से मै हारा हूँ
तकदीर का मारा हूँ
जैसा भी हूँ अपना लो
मैं बालक तुम्हारा हूँ।।
duniya se mai haara hoon bhajan lyrics