दुनिया में झूठ अनेकों है पर जटा जुट सम जुट नही - MadhurBhajans मधुर भजन










दुनिया में झूठ अनेकों है
दोहा राम राम भजबू करो
धरे रहो मन धीर
कारज तेरे सुधार है
कृपा सिंध रघुवीर।
स्वांस स्वांस में हरी भजो
वृथा स्वांस मत खोय
ना जाने क्या स्वांस का
आवण होय या न होय।
चित्रकूट की राम रज
परिक्रमा की धूल
ओलो ओलो परत शारीर पे
पाप होय सब दूर।


दुनिया में झूठ अनेकों है
पर जटा जुट सम जुट नही
दुनिया में लूट अनेकों है
पर रामनाम सम लूट नही।।


दुनिया में फुट अनेकों है
पर भाई भाई सम फुट नही
दुनिया में झूठ अनेको है
पर जटा जुट सम जुट नही।।









दुनिया में कूट अनेको है
पर चित्रकूट सम कूट नही
दुनिया में झूठ अनेको है
पर जटा जुट सम जुट नही।।


दुनिया में जुट अनेकों है
पर जटा जुट सम जुट नही
दुनिया में लूट अनेकों है
पर रामनाम सम लूट नही।।
प्रेषक रामस्वरूप लववंशी
8107512367









duniya me jhooth aneko hai lyrics